Nice Poem on Old Friends

साथ साथ जो खेले थे बचपन में
वो सब दोस्त अब थकने लगे है
किसीका पेट निकल आया है
किसीके बाल पकने लगे है

सब पर भारी ज़िम्मेदारी है
सबको छोटी मोटी कोई बीमारी है
दिनभर जो भागते दौड़ते थे
वो अब चलते चलते भी रुकने लगे है

उफ़ क्या क़यामत हैं
सब दोस्त थकने लगे है

किसी को लोन की फ़िक्र है
कहीं हेल्थ टेस्ट का ज़िक्र है

फुर्सत की सब को कमी है
आँखों में अजीब सी नमीं है

कल जो प्यार के ख़त लिखते थे
आज बीमे के फार्म भरने में लगे है

उफ़ क्या क़यामत हैं
सब दोस्त थकने लगे है ||

देख कर पुरानी तस्वीरें
आज जी भर आता है

क्या अजीब शै है ये वक़्त भी
किस तरहा ये गुज़र जाता है

कल का जवान दोस्त मेरा
आज अधेड़ नज़र आता है

कल के ख़्वाब सजाते थे जो कभी
आज गुज़रे दिनों में खोने लगे है

उफ़ क्या क़यामत हैं
सब दोस्त थकने लगे है ||

Friendship never breaks

एक दोस्त के साथ मेरा झगड़ा हो गया…

मुझे गुस्सा आया और मैंने उसका नम्बर मोबाइल से डिलीट कर दिया..

पर उस दोस्त ने कुछ समय बाद मेरे बीमार होने पर मेसेज भेजा….

दोस्त कैसे हो? तबीयत का ध्यान रखना..

मेरे पास नम्बर नहीं था.. मैने सोचा और उस नम्बर पर मेसेज किया

I am fine !
Who are you.

तुरंत उसका फोन 📱 आया, और मुझ पर गुस्सा करने लगा..

क्या बे,
तुझे हाउ (how) का स्पेलिंग
ठीक से लिखना नहीं आता क्या?

how की जगह who
टाइप किया.
ठीक हो जा फिर तुझे English सिखाता हूँ .

मैं सोचने लगा कि कितनी बड़ी Mistake हो गई… .

दोस्ती ऐसे तोड़ी नहीं जाती
दोस्त ऐसे नाराज भी नही होते

जो सच्चे दोस्त होते हैं..
वो गलत मेसेज का भी अच्छा मतलब निकाल लेते हैं

👌👏👏👏👍👍
😊😊