Love this Grandma

A sweet grandmother telephoned St. Joseph ‘s Hospital.

She timidly asked, “Is it possible to speak to someone who can tell me how a patient is doing?”

The operator said, “I’ll be glad to help, dear. What’s the name and room number of the patient?”

The grandmother in her weak, tremulous voice said, “Norma Findlay, Room 302”

The operator replied, “Let me put you on hold while I check with the nurse’s station for that room.”

After a few minutes, the operator returned to the phone and said, “I have good news. Her nurse just told me that Norma is doing well.
Her blood pressure is fine; her blood work just came back normal and her physician, Dr. Cohen, has scheduled her to be discharged tomorrow.”

The grandmother said, “Thank you. That’s wonderful. I was so worried. God bless you for the good news.”

The operator replied, “You’re more than welcome. Is Norma your daughter?”

The grandmother said, “No, I’m Norma Findlay in Room 302. No one tells me shit.”

(True Story)

Wife’s ViewPoint

आओ wife की नज़र से देखें !
दुनियाँ का सबसे परफ़ेक्ट आदमीं – उसका डैडी.
दुनियाँ की सबसे प्यारी औरत – उसकी माँ.
दुनियाँ की सबसे अक़्लमंद औरत – वो ख़ुद.
दुनियाँ का सबसे दुखी पति – उसका भाई.
दुनियाँ की सबसे बड़ी चुडैल – उसकी भाभी.
दुनियाँ का सबसे सुंदर बालक – उसका बेटा.
दुनियाँ का सबसे कामयाब आदमीं – उसकी बहिन का पति.
दुनियाँ की सबसे गँवार औरत – उसकी सास.
और अंत में !
दुनियाँ का सबसे ख़राब, निक्कमां, ख़ुदगर्ज़, झूठा, कंजूस, बेकार आदमी !!
यह भी लिखना पड़ेगा क्या !!

Sadhu Vs Human

कल एक साधु बाबा मिले,
मैंने पूछा— कैसे हैं, बाबाजी ?

बाबाजी बोले–
हम तो साधु हैं बेटा….हमारा राम हमें जैसे रखता है, हम वैसे रहते हैं…..तुम तो सुखी हो ना, बच्चा ?

मैं बोला–
हम तो संसारी हैं, बाबाजी…..हमारी सीता हमें जैसे रखती है, हम वैसे रहते हैं।🙏

😂😂😂😂😂😂

Kalyug Ka Ho Avatari – Shyam Bhajan

Bhajan Theme: Gyaras Chanan Ki Aayi

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कलयुग क हो अवत री,
लीलै घोडै की सव री,
दुमनय मां डांक ब जै श्म म क ,
सेवक दीव न थ रै न म क ।।
🌀
केशररय पगाी मसर पै, न रांगी िैंटो जी,
ह थ ां मां मोरछाी ले, सांकट नै मेटो जी,
पिरांगो ब गो सोहै, भगत ां रै मन नै मोहै,
सेवक दीव न थ रै न म क ।।
ओ ब ब दुमनय मां डांक ब जै …..
🍁
क मतज़क ग्य रस नै मेळो, ल गै है भ री जी,
दुल्हन सी ल गै सजके, नगरी य थ री जी,
थ रो जनममदन आवै, सेवमकय न िै-ग वै,
सेवक दीव न थ रै न म क ।।
ओ ब ब दुमनय मां डांक ब जै …..
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जद-जद ि गमणयो आवै, सेवक हर् ज़वै जी,
ले-ले मनश न थ रै, दर पै तो आवै जी,
रांग-गुल ल उा वै, ‘रोमी’ भी िांग बज वै,
सेवक दीव न थ रै न म क ।।
ओ ब ब दुमनय मां डांक ब जै …..
🍁🌀🍁
Author: श्री हरमहेन्द्र प ल मसांह ‘रोमी’

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