काम करो ऐसा के पहचान बन जाए;
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए;
यहाँ ज़िंदगी तो सभी काट लेते हैं;
ज़िंदगी जियो ऐसी कि मिसाल बन जाए ||
काम करो ऐसा के पहचान बन जाए;
हर कदम ऐसा चलो कि निशान बन जाए;
यहाँ ज़िंदगी तो सभी काट लेते हैं;
ज़िंदगी जियो ऐसी कि मिसाल बन जाए ||
कहाँ गया तुम्हारा फवाद
कहाँ गया तुम्हारा राहत फ़तेह अली खान
कहाँ गयी अमन की आशा
क्या उन सफ़ेद कबूतरों के टिक्के बना के खा लिए तुमने
कुलभूषणकीफाँसी_रोको
क्यों न उन 21 वकील को उठाकर लाहौर फेंक दिया जाए, जो कसाब के लिए आधी रात को 2:00 बजे सुप्रीम कोर्ट खुलवाने गए थे ताकि वो कुलभूषण का केस लड़ सके और मानवता को बचा सके।
कुलभूषणकीफाँसी_रोको
पाकिस्तान में है कोई प्रशांत भूषण, जो कुलभूषण जाधव के लिए रात 3 बजे पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट खुलवा दे ?
कुलभूषणकीफाँसी_रोको
और कहाँ गयी वो लड़की, जो कहती थी कि “Pakistan Did Not Kill My Dad, The War Did”
अजीब है, अब कोई नहीं बोलेगा।
ज़ावेद अख्तर भी चुप है, अब तो।
कुलभूषणकीफाँसी_रोको